May 30, 2013

शादी

दूल्हे-दुल्हन के लिए रखे इस झूले के पास एक लड़का खेल रहा था। मैने उसकी तस्वीरें खींचनी चाही तो वह झूले के पीछे छुप गया। उसकी दीदी उसे मना रही थी लेकिन वह बाहर नहीं आ रहा था।



शायद वह झूला पकड़ कर लटक रहा था कि झूला एक ओर से खुल गया। 


बच्चा दौड़कर झूला ठीक करने की असफल कोशिश करने लगा।


यही है, चित्रों का आनंद! 

May 25, 2013

सारनाथ-6 (बुद्ध पूर्णिमा 2013)

बुद्ध मंदिर, सारनाथ 


यह वही पीपल का वृक्ष है जहाँ भगवान बुद्ध ने पहला उपदेश दिया था।




May 5, 2013

धूप का सौंदर्य

वैशाख-जेठ की दोपहरी में भी पकृति अपने रंगों की छटा बिखेरती है। कहीं गुलमोहर की लाली  तो कहीं अमलतास के पीले फूल। गुलमोहर की लाली तो इस समय देखते ही बनती है। लगता है लगन का मुहूरत देखकर प्रकृति भी शर्मा गई है। अमलतास के पीले फूलों की बीच लटके काले फलों को देखकर लगता है जैसे अनगिनत छोटी-छोटी तलवारें लिये तेज धूप में कोई शख्स खड़ा है। हार चुका है, पियरा गया है मगर पीलेपन में भी गज़ब की चमक है! अभी लड़ने का हौसला रखता है। इन सब से बेखबर आम के झुरमुटों से कूकती कोयल, अनगिन खिले कँवल... यह धूप का सौंदर्य नहीं है तो और क्या है! यह मेहनतकश मजदूरों का, संघर्षशील प्राणियों का सौंदर्य नहीं है तो और क्या है! 
 







May 4, 2013

गली आगे मुड़ती है.....


इन्हीं गलियों में भटकते हुए शिवप्रसाद सिंह ने लिखा...गली आगे मुड़ती है।








इन्हीं गलियों में रहते थे भारतेंदु हरिश्चंद्र। सामने है भारतेंदु भवन।